उज्जैन में अफसरों की लापरवाही से जलसंकट गहराया
गंभीर डेम में सिर्फ 10 दिन का पानी शेष, अब नर्मदा जल लाने की तैयारी
उज्जैन | 8 अगस्त 2025
उज्जैन शहर के एकमात्र जलस्रोत गंभीर डेम में गुरुवार को जलस्तर 162.97 एमसीएफटी दर्ज किया गया, जो महज 10 दिन के जलप्रदाय के लिए पर्याप्त है। यदि अब अच्छी बारिश नहीं हुई, तो पीएचई विभाग के लिए एक दिन छोड़कर भी पानी सप्लाई करना मुश्किल हो जाएगा।
बैठक में निकला नर्मदा जल योजना का प्रस्ताव
महापौर और नवागत निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने गुरुवार को जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा और अधिकारियों के साथ आपात बैठक की।
बैठक में निर्देश दिए गए कि नर्मदा का पानी गऊघाट फिल्टर प्लांट तक लाया जाए, ताकि शहरवासियों को अतिरिक्त जल स्रोत मिल सके।
इस बीच, जेसीबी और पोकलेन मशीनों से कैचमेंट एरिया का पानी आगे लाने का काम जारी है।
जलसंकट के 5 बड़े कारण
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पुराना और सीमित जलस्रोत
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1991 में 3.65 लाख आबादी के लिए 2250 एमसीएफटी क्षमता वाला गंभीर डेम बना था।
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आज जनसंख्या 6 लाख पार और श्रद्धालुओं का प्रवाह बढ़ा, लेकिन नए जलस्रोत नहीं बने।
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नर्मदा पाइपलाइन का अधूरा काम
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2023 में नर्मदा को गंभीर से जोड़ने का कार्य शुरू हुआ, 88 लाख का टेंडर दो माह में पूरा होना था।
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ठेकेदार को भुगतान व साइट क्लीयरेंस न मिलने से काम बंद; अनुमति भी नहीं ली गई।
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लीकेज से भारी जल हानि
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पुरानी पाइपलाइन से 20-30% पानी रोज रिसाव में बह रहा है।
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निर्माण कार्यों के दौरान भी पाइपलाइन बार-बार क्षतिग्रस्त होती है।
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मेंटेनेंस की अनदेखी
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11 पंप डेढ़ साल से बंद, मेंटेनेंस कंपनी को भुगतान नहीं होने से काम ठप।
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ट्रांसफॉर्मर अभी हाल में ही सुधरकर आया।
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कैचमेंट एरिया में पानी चोरी
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ग्रामीण इलाकों में पंप लगाकर सिंचाई में पानी का दुरुपयोग, कार्रवाई नहीं हुई।
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पानी चोरी रोकने के लिए बनी समिति भी निष्क्रिय रही।
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स्थिति गंभीर, त्वरित समाधान जरूरी
जल विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर पर अगर तुरंत वैकल्पिक स्रोत नहीं जोड़े गए, तो शहर को कठोर जल आपूर्ति नियम अपनाने पड़ेंगे। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि नर्मदा जल लाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
